चारधाम यात्रा 2025 उत्तराखंड सरकार के विकास कार्यों से सुरक्षित और समृद्ध तीर्थ यात्रा
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा—बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री—हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होती है. वर्ष 2025 में, केंद्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से यह यात्रा न केवल अधिक सुरक्षित, बल्कि सुविधाजनक और पर्यावरण-संवेदनशील बन रही है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों की सुविधा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है.
स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण
चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं को अभूतपूर्व रूप से सुदृढ़ किया गया है:
• केदारनाथ में 17-बेड और बद्रीनाथ में 45-बेड के नए अस्पतालस्थापित किए गए हैं.
• यात्रा मार्ग पर25 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की गई है.
• 154 एंबुलेंस, जिनमें 17 एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस शामिल हैं, और हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं.
• 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट और 31 स्वास्थ्य जांच केंद्रस्थापित किए गए हैं.
• e-Health Dham पोर्टल को अपग्रेड किया गया है, जिसमें आपातकालीन सहायता के लिए 'Get Help' बटन जोड़ा गया है.
• स्वास्थ्य मित्रों की संख्या बढ़ाई गई है, जो तीर्थयात्रियों को तत्काल सहायता प्रदान करेंगे.
आधारभूत संरचना और यातायात सुधार
चारधाम यात्रा मार्ग पर आधारभूत संरचना को बेहतर बनाने के लिए कई पहलें की गई हैं:
• सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक सड़क चौड़ीकरण किया गया है.
• चारधाम राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना के तहत 889 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें पुल, सुरंगें, बायपास और हेलिपैड शामिल हैं.
• चारधाम रेलवे परियोजना के तहत दो अलग-अलग रेल मार्गों का निर्माण हो रहा है, जो चारों धामों को जोड़ेंगे.
पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 'ग्रीन चारधाम यात्रा अभियान' शुरू किया गया है:
• श्रद्धालुओं को अपने पूर्वजों की स्मृति में पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
• सिंगल यूज प्लास्टिकके उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है.
• 30 टन क्षमता वाला वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट सोनप्रयाग में स्थापित किया गया है.
• हॉर्स और म्यूल्स की निगरानी के लिए पहचान पत्र जारी किए गए हैं, और उनके लिए 24 घंटे पानी की व्यवस्था की गई है.
डिजिटल प्रबंधन और सुरक्षा
डिजिटल तकनीक का उपयोग करके यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाया गया है:
• Health Dham Portal पर पंजीकरण अनिवार्य किया गया है, विशेष रूप से 50 वर्ष से अधिक आयु के तीर्थयात्रियों के लिए.
• RFID बैंड और GIO ट्रैकिंग सिस्टम के माध्यम से उच्च जोखिम वाले तीर्थयात्रियों की निगरानी की जा रही है.
• केंद्रीकृत ऑनलाइन हेल्पलाइन और आपातकालीन कॉल सेंटरस्थापित किए गए हैं, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से भी सहायता प्रदान करते हैं.
समावेशी विकास और रोजगार
स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए:
• हक-हकूकधारियों को यात्रा व्यवस्थाओं में शामिल किया गया है, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिल रहे हैं.
• शीतकालीन चारधाम यात्राको बढ़ावा देने के लिए होमस्टे और विश्रामगृहों का नवीनीकरण किया जा रहा है.